गर्म पानी कुण्ड मंडला/Garam Pani Kund Mandla: दोस्तों आज हम मंडला शहर के प्राकृतिक सुन्दरता से परिपूर्ण चमत्कारिक गर्म पानी कुण्ड के बारे में जानेंगे। सर्दियों के मौसम में देशी और विदेशी पर्यटक यहाँ आकर नहाने का आनंद लेते है। मंडला जिले के इस पिकनिक स्पॉट और प्रकृति के विपरीत इस कुण्ड के बारे जानने की जिज्ञासा भी मन में है तो चलिए जानते है की इस कुण्ड का पानी क्यों गर्म रहता है? और यहाँ नहाने से क्या लाभ होता है?
गर्म पानी कुण्ड कहाँ है?
गर्म पानी कुण्ड मंडला जिला मुख्यालय से 18 किमी. दूर जबलपुर मार्ग में बबैहा और चिरईडोंगरी के बीच में ग्राम पंचायत ग्वारी के पास स्थित है। इसके निकट में ही नर्मदा नदी और बरगी डेम का वाटर बैंक क्षेत्र है, यह स्थान नर्मदा नदी के पानी से चारो तरफ से घिरा एक छोटा मानवनिर्मित टापू है। इस कुण्ड का जल वर्ष भर गर्म रहता है।
यह पूरा क्षेत्र घने वन से घिरा हुआ है और नर्मदा नदी के मनमोहक दृश्य के साथ ही यहाँ के शांत वातावरण में आपका मन प्रफुल्लित हो उठेगा। इस कुण्ड के पानी का तापमान हर मौसम में 5-6 डिग्री से अधिक बना रहता है, आस-पास के नर्मदा जल का तापमान मौसम के अनुसार कम ज्यादा होता रहता है। कहा जाता है की इस कुण्ड में स्नान करने से चर्म रोग ठीक होता है।
गर्म पानी कुण्ड कैसे पहुचें?
गर्म पानी कुण्ड मंडला में जाने के लिए आपको मंडला जबलपुर हाइवे मार्ग में चलना होगा आप यहाँ अपने निजी वाहन से जा सकते है और टेक्सी, ऑटो बुक करके भी आप जा सकते है।
गरम पानी कुण्ड की अवस्थिति
गर्म पानी कुण्ड मंडला: इस प्राकृतिक कुण्ड का जीर्णोद्धार कर सतह से उपर उढ़ाकर ऊंचाई पर बनाया गया ताकि यह वर्ष भर पर्यटकों के लिए खुला रहे और इसके बाद यह पर्यटक स्थल का पूर्ण रूप ले चुका है। कुण्ड के चारो तरफ पक्का फर्श, सीढियाँ और कुण्ड तक जाने के लिए पक्की सड़क का निर्माण कर दिया गया।
कुण्ड की गहराई अधिक होने के कारण उपरी सतह से 5.5 फिट नीचे सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोहे की रोड की जालीनुमा संरचना लगाई गई है ताकि स्नान करते हुये किसी प्रकार की घटना न हो। इस संरचना में थोड़ी जगह खाली है जो किसी उद्देश्य से खाली रखी गई है इसलिए स्नान/नहाते समय सावधानी रखें।
मंडला जिले की वेबसाइट में देखें: गरम पानी कुण्ड
कुण्ड का इतिहास
पूर्व में यह गर्म पानी कुण्ड (मंडला) ना इतनी ऊंचाई में था ना ही इसके चारों तरफ पानी का इतना भराव था, मात्र एक छोटा से कुण्ड की संरचना थी जिसमे से वर्ष भर गरम पानी निकलता रहता था। नर्मदा नदी में बरगी बांध के निर्माण के बाद यह स्थान पूर्ण रूप से जलभराव की वजह से डूब गया था और गर्मी के मौसम में ही दिखाई देता था, इसके पश्चात स्थानीय ग्रामीणों के प्रयास से शासन द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया गया और उपर उठाकर इस कुण्ड का नवनिर्माण किया गया।
प्राचीन मान्यता है की इस स्थान में भगवान परशुराम ने तपस्या की थी, उनके तेज से ही यहाँ का पानी गर्म हुआ है। यहाँ पास ही एक छोटा मंदिर है जिसमे प्राचीन मूर्तियाँ रखी हुई है। इस कुण्ड में स्नान से खुजली, चर्म रोग और अन्य दूसरी त्वचा सम्बन्धी बिमारियों से मुक्ति मिलती है।
कुण्ड का वैज्ञानिक पहलू
नर्मदा नदी घाटी में प्राकृतिक भौगोलिक घटनाओं के चलते भूकंप और ज्वालामुखी आते/ निकलते रहे हैं और इसी कारण एक सल्फरयुक्त ज्वालामुखी से इस कुण्ड का निर्माण हुआ है और इस स्थान के नीचे सल्फर की चट्टानें है और इस चट्टानों के कारण ही पानी गर्म रहता है और सल्फ़र युक्त पानी में नहाने से ही चर्म रोग, खुजली, बैक्टीरियल इन्फेक्शन, मुहासे ठीक होना स्वाभाविक सी बात है।
पर्यटन स्थल के रूप में इस गर्म पानी कुण्ड मंडला का विकास कर दिया गया है, पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है और बैठने के लिए भी अच्छी व्यवस्था कर दी गई है। महिलाओं के लिए नहाने के बाद कपडे बदलने के लिए चेंगिंज रूप बने है और आप यहाँ पिकनिक मानाने और दोस्तों व् परिवार के साथ घुमने जा सकते है।
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