घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान | Ghughwa Fossil National Park

mekalsuta
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Ghughwa Fossil National Park

घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान | Ghughwa Fossil National Park :- 0.270 वर्ग किमी./ 75 एकड़ भूमि में फैले इस उद्यान में कई आकर्षक और दुर्लभ पौधों, फलों, पत्तियों, बीजों और शंखों के जीवाश्म मिलते है और अभी भी खोज होती रहती है, जो लगभग 6.5 करोड़ वर्ष तक पुराने हैं। पेड़ों की कई छटी हुयी टहनियों की पहचान जिमनोस्पर्म, एंजियोस्पर्म मोनोसाईटलिडोंस के रूप में तो कुछ ब्रायोफाइट भी हैं। जिस उम्र में पैंजिया, लौरसिया और गोंडवाना भूमि में विभाजित हुआ जीवाश्म या तो जुरासिक या क्रेटेशियस काल के हैं।

Ghughwa Fossil National Park

कुछ जीवाश्म 40 मिलियन से 150 मिलियन वर्ष पुराने है, जिसमे से नीलगिरी जीवाश्म सबसे पुराना है। इस उद्यान में अब तक 18 पादप समूह कुल के 31 परिवार के पौधों के जीवाश्म प्राप्त हुए ह। घुघवा के अलावा तीन अन्य स्थल खोजे गए है जिसमे उमरिया-सिल्थेर, देवरी खुर्द और बरबसपुर शामिल है। 

घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान कहाँ है? Where is Ghughwa Fossil National Park? 

भारत के मध्यप्रदेश राज्य में डिंडोरी जिले के शहपुरा विकासखंड में निवास रोड पर जिला मुख्यालय से कुछ ही किमी दूर स्थित है। देश का पहला फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान जहां करोडों वर्ष पुराने वृक्षों के फॉसिल संरक्षित रखे गए है। इस उद्यान की स्थापना 1968 में हुई ।

घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान

 

मंडला जिले के एक पुरातत्व विभाग अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र प्रधान और एएसआर इंगले और डॉ. एमबी बांदे ने जीवाश्म की खोज की। 5 मई 1983 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया। यह मध्यप्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है। पूर्व में यह उद्यान मंडला जिले की विरासत था किन्तु 1998 में डिंडोरी जिले के अलग होने से यह अब डिंडोरी जिले के अंतर्गत आने लगा।

जीवाश्म क्या होता है?

पोधों और जानवरों के मृत अवशेष जो हजारों सालों तक चट्टानों, समुद्रों, झीलों,नदीयो के नीचे रेत और कीचड़ में दबे हुए होते है और खनिज पदार्थ धीरे धीरे मृत जानवर या पौधे के कणों का प्रतिस्थापन करते है और पत्थर में बदल जाते है और चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जो पृथ्वी की सतहों में सुरक्षित पाए जाते है जीवश्म कहलाते है। 

Ghughwa Fossil National Park

गोंडवाना काल के जीवाश्म होने का प्रमाण 

उद्यान में एक यूकेलिप्टस वृक्ष का जीवाश्म है जो केवल ऑस्ट्रेलिया या कुछ अन्य पडोसी क्षेत्रों में ही मिलता है। इसके यहाँ होने से वैज्ञानिकों का मानना है की गोंडवाना अधिमहाद्वीप जो करोंड़ों वर्ष पूर्व अस्तित्व में था, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका एक साथ जुड़े हुए थे जो बाद में अलग हो गये अर्थात महाद्वीपीय विस्थापन के सिद्धांत की पुष्टि होती है।

घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान के बारे में और अधिक जानने के लिए डिंडोरी जिले की अधिकारिक वेबसाइट में देखें।

महाद्वीपीय विस्थापन के सिद्धांत | Continental Drift Theory

सर्वप्रथम फ़्रांसीसी वैज्ञानिक एन्टोनियो स्नाइडर ने महाद्वीपीय विस्थापन का सिद्धंत दिया। इसके बाद अल्फ्रेड वेगनर ने इसकी व्याख्या की। वेगनर के अनुसार सम्पूर्ण पृथ्वी एक बढे स्थल खंड के रूप में थी, जिसे पेंजिया नाम दिया गया। बाकि समुद्र था। गुरुत्वाकर्षण  शक्तियों के असामानता, भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोटों के कारण पेंजिया का दो भागों में विखंडन हुआ, जिसका उत्तरी भाग लारेंसिया/अंगारालैंड कहलाया और दक्षिणी भाग गोंडवाना कहलाया। दोनों भूखंड के बीच का भाग टेथिस सागर कहलाया। गोंडवाना भाग में भारत ऑस्ट्रेलिया, मेडागास्कर और अंटार्कटिका थे जो बाद में धीर-धीरे टूट कर अलग होते गए और आज की स्थिति में दर्शित होने लगे। 

उद्यान की विशेषता | Ghughwa Fossil National Park 

घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान के दो हिस्से है, जिसमे से एक जीवाश्म संग्रहालय और दूसरा मुख्य पार्क है- 

  • घुघवा जीवाश्म उद्यान-  उद्यान में खुले स्थानों में जमीन में जीवाश्म देखने को मिलते है। यहाँ पर पेड़-पोधों के तनों के जीवाश्म मिलते है। यहाँ पर अभी तक 31 प्रजाति के 18 परिवार के जीवाश्म मिले है  ताड़ ,जामुन ,केला, रुद्राक्ष , यूकेलिप्टस के जीवाश्म मिलते हैं, अधिकतर नारियल प्रजाति के है जो समुद्र तट में मिलते थे। यूकेलिप्टस वृक्ष का जीवाश्म है जो केवल ऑस्ट्रेलिया या कुछ अन्य पडोसी क्षेत्रों में ही मिलता है।

घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान

  • घुघवा जीवाश्म संग्रहालय- दुर्लभ जीवाश्मों को सहेजकर संग्रहालय में संरक्षित रखा गया है। संग्रहालय में विशाल यूकेलिप्टस का जीवश्म रखा है जो बीच-बीच से टूट गया है। इसके अलावा डायनासोर के अंडा का जीवाश्म भी संरक्षित है। संग्रहालय में शो-केस में पेड़ों के तनो ,पत्ती ,फल, फूल, बीजो और खरे पानी में पाए जाने वाले जीव जैसे सीप, घोंघे के जीवाश्म देखने को मिलते है। इन जीवाश्मों से सम्बंधित जानकारी भी निकट ही चस्पा कर दी गई है।
घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान
यूकेलिप्टस का जीवाश्म
घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान
डायनासोर का अंडा
घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान
अन्य जीवाश्म

घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुचें? How To Reach Ghughwa Fossil National Park?

घुघवा जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान

सड़क मार्ग से डिंडोरी जिला मुख्यालय से दुरी 80 किमी. है। मंडला से 80 किमी., जबलपुर से 105 किमी. का मार्ग है और पक्की सड़क से बस या निजी वाहन से आप यहाँ जा सकते ह।  इसके अलवा यहाँ से निकटतम हवाईअड्डा जबलपुर में है। और निकटतम रेलवे स्टेशन उमरिया जिले में 70 किमी. की दुरी पर स्थित है।

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