नक्खी माई मंदिर :- मंडला से 20 किमी. दूर मंडला निवास मार्ग में बसे बकोरी ग्राम में बकोरी पहाड़ी पर स्थित मंदिर है। यह अत्यंत प्राचीन देवी मंदिर है। मान्यता है की यहाँ मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। अंग्रेजी शासन काल (17वीं शताव्दी) में बकोरी निवासी ब्राम्हण परिवार के एक सदस्य को माँ ने पहाड़ी के उपर अपनी प्रतिमा होने का स्वप्न दिया और इसे यहीं स्थापित करने का आदेश दिया। इसके बाद यहाँ पर मंदिर का निर्माण किया गया। इस स्थान में चेत्र नवरात्री बड़े धूम-धाम से मनाई जाती है।
नक्खी माई मंदिर का जीर्णोद्धार
नक्खी माई मंदिर का 1997 में जीर्णोद्धार कराया गया था। जिसमे मन्दिर परिसर का विस्तार किया गया है। माता के दरबार के आसपास अन्य देवी देवताओं की स्थापना की गई है। मंदिर का गुंबज चौपहला बनया गया है ।
नक्खी माई मंदिर के पास ही शीतला माँ, खेरमाई माता, शनि मंदिर और काल भैरव का भी स्थान है। नक्खी माई मंदिर दरबार में सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। मंदिर की विशेषता है की पहाड़ी में होने के बाद भी यहाँ श्रद्धालु अपने वाहन से मंदिर तक पहुच सकते है।
राजराजेश्वरी मंदिर मंडला : Rajarajeshwari Temple Mandla
नक्खी माई मंदिर में पुरे वर्ष ही माता की पूजा अर्चना के लिए भक्त पहुचते है, परन्तु चेत्र और शारदेय नवरात्र में यहाँ जवारे स्थापित किये जाते है और जवारे कलश के साथ माता की विशेष पूजा अर्चना व् श्रंगार किया जाता है। धार्मिक आयोजन व् भंडारे कराये जाते है। नक्खी माई मंदिर में बोए ज्वारों की शोभा अनुपम होती है। मंदिर से विसर्जन के लिए निकलने वाले ज्वारों की भव्य शोभा यात्रा देखने लायक होती है।
नक्खी माई मंदिर में माता की पाषाण प्रतिमा देख कर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते है। मंदिर में उन्हें मानसिक सुख प्राप्त होता है। माता के दरबार में दूर-दूर से लोग दर्शन करने पहुचते है, अन्य राज्यों से भी लोग अपनी मनोकामनाओं लिए आते है।
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