राजराजेश्वरी मंदिर मंडला : Rajarajeshwari Temple Mandla

mekalsuta
5 Min Read
राजराजेश्वरी मंदिर मंडला

राजराजेश्वरी मंदिर मंडला : Rajarajeshwari Templeमध्यप्रदेश के मंडला जिले का इतिहास काफी प्राचीन है। ऐतिहासिक नगरी मंडला कभी गोंडवाना साम्राज्य की राजधानी रहा है। मंडला जिले को गोंड राजाओं का इतिहास और आदिवासी संस्कृति विरासत में मिली है। मंडला में गोंड राजाओं के साथ ही कलचुरी, मराठों और अंग्रेजों के आगमन/आक्रमण और राज करने की कहानी है। 

राजराजेश्वरी मंदिर मंडला

माता राजराजेश्वरी मंदिर मंडला का सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण गोंड राजाओं के द्वारा कराया गया था। यह मंदिर मंडला के खंडहर में तब्दील हो चुके किले में स्थित है और नर्मदा नदी के तट में स्थित इस मंदिर में गोंड जाति की कुल देवी माता राजराजेश्वरी देवी स्थापित है।

राजराजेश्वरी मंदिर मंडला(Rajarajeshwari Temple) का निर्माण किसने कराया 

माता राजराजेश्वरी मंदिर मंडला का निर्माण 10वीं शताब्दी के चंदेलवंशी शासकों के द्वारा कराया गया था और मंदिर में मूर्ति की स्थापना राजा निजाम शाह/ नरेन्द्र शाह ने 1749 से 1779 के मध्य में करावाया था। 1832 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। इस मन्दिर में 18 बाहों वाली माता की प्रतिमा है। इसके अलावा मंदिर परिसर में  माँ नर्मदा ,भगवान विष्णु ,शिवलिंग, सूर्य देव और सहस्त्र बाहू की प्रतिमाएं हैं। 

राजराजेश्वरी मंदिर (मंडला) एक विशाल चबूतरे में बना हुआ है, मंदिर का शिखर गुम्बद आकर में बना है। मंदिर के गर्भ गृह में राजराजेश्वरी देवी की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के सामने शिवलिंग स्थापित है, गर्भ गृह में बनी तीन मढ़िया में माता राजराजेश्वरी, माता दुर्गा, माता लक्ष्मी विराजित है और बाहर की ओर एक तरफ नर्मदा जी प्रतिमा और दूसरी तरफ सहस्रबाहु की प्रतिमा स्थापित है।

राजराजेश्वरी मंदिर मंडला

मंदिर के परिक्रमा पथ में अनेक देवी देवताओं की मूर्ति स्थापित है, जो की कलचुरी और गोंड कालीन मानी जाती है। परिक्रमा पथ में नर्मदा, सहस्रबाहु, गणेश, शिव-पार्वती, राम-जानकी, विष्णु जी, दूल्हा देव, सूर्यदेव और हनुमान जी की प्रतिमाये स्थापित है।

राजराजेश्वरी मंदिर का इतिहास | History Of Rajrajeshwari Temple

राजराजेश्वरी मंदिर मंडला के निर्माण की कहानी एक सपने से शुरू होती है। गढ़ मंडला के राजा नरेन्द्र शाह को रात्रि के समय नींद में एक सपना आता है। सपने में देवी राजराजेश्वरी जी दर्शन देती है और कहती है की बिलासपुर के निकट रंगधर पहाड़ी में उनकी छवि का पत्थर मिलेगा उस पत्थर को लाकर मंडला में स्थापित करने को कहा।

इसके बाद राजा उठ कर सपने को सही करने देवी के बताये स्थान में जाकर उस पत्थर को लाकर मंडला में स्थापित किया। तब से ही गोंड आदिवासियों के लिए यह स्थान आस्था और विश्वास का केंद्र बन गया। मंदिर का निर्माण 1749 से 1779 के मध्य हुआ था। कहा जाता है की युद्ध में जाने से पहले राजा इनकी पूजा अर्चना करते थे।

राजराजेश्वरी मंदिर मंडला तंत्र क्रियाओं के लिये भी अच्छा स्थान माना गया है। मंदिर में धार्मिक त्योहारों और नवरात्री में भक्तों की भीड़ रहती है। मान्यता है की इस स्थान में मांगी गई मनोकामना  पूरी होती है।  

राजराजेश्वरी मंदिर मंडला का महत्व 

मंदिर में अलग-अलग समय की संस्कृति और मूर्तिकला शैली देखने को मिलती है। गोंड कला का अनुपम उदाहरण देखने को मिलता है। दीवारों में बने हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ धार्मिक विश्वासों के विकास को प्रदर्शित करते है। सभी मूर्तियों में एक विशेष बात यह की इन्हें गोंड आदिवासी परिधानों से सजाया गया है। 

मंडला कैसे पहुंचे | How To Reach Mandla-

मध्यप्रदेश राज्य का एक ऐतिहासिक जिला मंडला, राजधानी भोपाल से 411 किमी. दूर है और निकट का बड़ा शहर जबलपुर मात्र 98 किमी. दूर है। मंडला सड़क मार्ग से जबलपुर, रायपुर, डिंडोरी, सिवनी, बालाघाट से जुड़ा हुआ है। निकटम हवाईअड्डा जबलपुर में है। मंडला में रेलवे मार्ग का कार्य निर्माणाधीन है। 

मंडला जिले के अन्य पर्यटन स्थल के बारे में पढ़े:- 

सूरज कुण्ड : मंडला | इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति दिन में ३ बार बदलती है अपना स्वरूप

गर्म पानी कुण्ड मंडला | Garam Pani Kund Mandla:चमत्कारी कुण्ड जहाँ स्नान से ठीक होता है चर्मरोग

Sahatrdhara Mandla:जानिए सहस्त्रधारा मंडला के बारे में रोचक जानकारी

कंटेंट क्रेडिट –google.com

 

Share this Article
5 Comments