चक्रतीर्थ घाट– मंडला जिले मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत देवदरा के अंतर्गत रामपुरा क्षेत्र में पौराणिक महत्त्व रखने वाला नर्मदा नदी के तट पर स्थित घाट जिसे चक्रतीर्थ घाट कहते है। यह एक प्राचीन घाट है, जिसका उल्लेख नर्मदा पुराण और विष्णु पुराण में मिलता है।
चक्रतीर्थ घाट
विष्णु पुराण में बताया गया है की सुदर्शन चक्र जिसे भगवान विष्णु के द्वार पाल मने जाते है उन्होंने पृथ्वी लोक पर जन्म लिया, तब यहाँ नर्मदा का संगम घाट जो पहले देवदरा में था जहाँ बंजर और नर्मदा नदी का संगम हुआ करता था। इसी स्थान को अब चक्रतीर्थ घाट के नाम से जानते है। किवदंती है की यहाँ सुदर्शन चक्र आकर गिरा और महिष्मति नरेश विश्वसम्राट श्री कार्तवीर्य अर्जुन/अर्जुन सहस्त्रबाहु के रूप में जन्म हुआ।
सुदर्शन चक्र के गिरने के कारण चक्रतीर्थ घाट का पानी आज भी घुमावदार रूप में बहता है। इस घाट के निकट ही प्राचीन शिव मंदिर है। इस घाट में देवदरा, बिंझिया , कटरा के साथ -साथ आस-पास के लोग अपने परिजनों की मृत्यु के बाद के संस्कार और अस्थि विसर्जन करने आते है। इस स्थान में स्थित बरगद का पेड़ भी अन्य पेड़ो से विचित्र है, जिसके जड़े दूर-दूर तक फैली है; जो मिट्टी के कटाव के कारण बाहर मकड़ी के जाल की तरह दिखाई देती है।
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