नर्मदा-बंजर संगम | Narmada-Banjar Sangam

mekalsuta
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नर्मदा-बंजर संगम– नर्मदा संगम स्थल मंडला जिले का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। नर्मदा नदी और बंजर नदी मंडला की सबसे प्रमुख नदी है। इस स्थान में नर्मदा और बंजर नदी का संगम हुआ है इसलिए इसे संगम घाट कहते है। यहाँ आकर आपको नर्मदा और बंजर नदी का अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा। इस स्थान में माँ नर्मदा का अर्धचंद्राकार स्वरुप देखने को मिलता है। नर्मदा-बंजर संगम का वातावरण अत्यंत धार्मिक और आध्यत्मिक है।

नर्मदा-बंजर संगम कहाँ है ?

नर्मदा-बंजर संगम मंडला जिले के महाराजपुर में संगम घाट में स्थित है। मंडला मुख्यालय से महज 2 किमी की दुरी पर स्थित .है आप यहाँ आसानी से गाड़ी के माध्यम से घाट तक जा सकते है। किले घाट से नौका से भी संगम घाट जा सकते है। रपटा से यह स्थान करीब 1 किमी. दूर है तो आप यहाँ पैदल भी जा सकते है। 

नर्मदा-बंजर संगम घाट बहुत बड़ा और पुराना है। घाट के आसपास बहुत से प्राचीन मंदिर है। संगम घाट का जीर्णोद्धार कराया गया है। बंजर नदी के सामने की ओर मंडला का किला, एक तट पर संगम घाट और सामने ही दूसरे तट में राधाकृष्ण मंदिर स्थित है। मंडला का किला अब खंडहर में तब्दील हो गया है और श्री कृष्ण को समर्पित राधा कृष्ण मंदिर का दृश्य भव्य और आकर्षक है। संगम घाट से आप इन दोनों स्थानों को देख सकते है।

नर्मदा-बंजर संगम
संगम घाट से मंडला किला का दृश्य

नर्मदा-बंजर संगम में अथाह जल राशि है। संगम घाट में आप नौका बिहार/ बोटिंग का आन्नद ले सकते है। नाव से आप नर्मदा नदी के एक तट से दुसरे तट में स्थित मंडला का किला या पुरवा के राधा कृष्ण मंदिर भी जा सकते है। संगम घाट में माँ नर्मदा का मंदिर, शनि देव भगवान का मंदिर और माँ बूढी माई मंदिर है जहा बड़ी संख्या में भक्त पूजा अर्चना करने आते है। 

नर्मदा-बंजर संगम
संगम घाट से राधा कृष्ण का दृश्य

 

नर्मदा-बंजर संगम नर्मदा का प्रमुख तीर्थ है। इस स्थान का वैसा ही महत्त्व है जैसे प्रयागराज का। इस स्थान में प्रयागराज की तरह मृत्यु से जुड़े अनेक कार्य जैसे अस्थि विसर्जन, मुंडन संस्कार, पिंड दान आदि होते रहते है। यहाँ आपको अनेक प्रकार के क्रियाकालाप करते हुए लोग दिख जायेंगे। मकर संक्रांति और नर्मदा जयंती में यहाँ मेला लगता है और हजारों की संख्या में लोग यहाँ स्नान करने और घुमने आते है। 

बूढी माई का मंदिर 

यह मंदिर मंडला जिले के महाराजपुर में नर्मदा-बंजर संगम पर निर्मित है। यह काफी प्राचीन मंदिर है। मंदिर के गर्भ गृह में बूढी माई की प्रतिमा स्थापित है और मंदिर के चारों ओर देवी-देवताओं की प्रतिमाये है। मंदिर के सामने की ओर विशाल शेरों की प्रतिमा लगी हुई है। मंदिर के आस पास नर्मदा परिक्रमा-वासियों के रुकने के लिए धर्मशाला बनी हुई है।

नर्मदा-बंजर संगम
बूढी माई माता मंदिर प्रवेश द्वार
नर्मदा-बंजर संगम
बूढी माई माता मंदिर

बंजर नदी  

बंजर नदी का उद्गम बंजारपुर, राजनांदगांव छत्तीसगढ़ से हुआ है। यहाँ मंडला और बालाघाट क्षेत्र की प्रमुख नदी है और नर्मदा नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है। नर्मदा से बंजर का संगम मंडला में महाराजपुर में होता है और या संगम स्थल मंडला का एक प्रमुख तीर्थ है।

नर्मदा-बंजर संगम
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में बंजर नदी

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का अधिकांश क्षेत्र बंजर नदी के अपवाह बेसिन में स्थित है। माना जाता है कि कान्हा के बैगा समुदाय के साथ-साथ आसपास के बंदिशों की प्यास बुझाने वाली इस नदी को बंजारों की नदी कहा जाता था जिससे इसका नाम बंजर पड़ा।

कंटेंट क्रेडिट – google.com

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