Sahatrdhara Mandla:जानिए सहस्त्रधारा मंडला के बारे में रोचक जानकारी

mekalsuta
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Sahatrdhara Mandla Madhya Pradesh : सहस्त्रधारा मंडला मध्यप्रदेश का इतिहास, अर्थ। सहस्त्रधारा कहाँ है?

नमस्कार मित्रों आज हम आपको मंडला मध्यप्रदेश के प्राचीन पर्यटक स्थल सहस्त्रधारा (Sahatrdhara Mandla) की जानकारी देने वाले है जोकि नजदीकी शहर जबलपुर से 100 किमी की दूरी पर स्थित है माँ नर्मदा का जल प्रपात है जहाँ अनेको धाराएं पर्यटकों का मन मोह लेती है एवं प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर स्थल है।

Sahatrdhara Mandla
pracheen shivmandir

मंडला जिले के नगरी क्षेत्र से लगा हुआ एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस  स्थान पर नर्मदा नदी का बहुत खूबसूरत रूप देखने को मिलता है। सहस्त्रधारा धार्मिक और प्राकृतिक स्थान है। यहाँ आपको सहस्त्रबाहू मंदिर, शिवजी की प्राचीन प्रतिमा के दर्शन होगे।

सहस्त्रधारा मंडला मध्य प्रदेश की जानकारी (Information About Sahastradhar Mandla Madhya Pradesh)

मंडला मध्य प्रदेश एक जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र है।इस जिले का प्राचीन नाम गढ़ मंडला एवं महिष्मति नगरी था।यह शहर नर्मदा नदी के तट के किनारे बसा हुआ है।मंडला के नगरीय क्षेत्र को नर्मदा नदी दो भागों में बाँटती है।मंडला जिले में बहुत से दर्शनीय पर्यटन स्थल है जिनमे से एक है सहस्त्रधारा

सहस्त्रधारा नर्मदा नदी का एक प्रसिद्द घाट है।जहाँ वर्ष में एक बार मेला भी लगता है।साथ ही वर्ष भर यहाँ पर्यटकों का तांता लगा रहता है।बारिश के समय यहाँ के मंदिर बाढ़ की चपेट में आ जाने के कारण पर्यटकों के आने -जाने पर प्रतिबंध रहता है।

जनश्रुतियों को माने तो इस स्थल की अनेकों कहानियां मिलती हैं।यह स्थल प्राकृतिक सुन्दरता से परिपूर्ण है।यहाँ पर दो प्रमुख प्राचीन मंदिर हैं।पहला सहस्त्रबाहु और दूसरा शिवजी का मंदिर है।

यहाँ पर पर्यटकों को सेल्फी लेने के लिए सेल्फी टावर भी बनाया गया है।यहाँ पर्यटकों को आराम करने के लिए शेड की सुविधा भी उपलब्ध है।

सहस्त्रधारा का अर्थ

नर्मदा नदी के इस घाट पर दोनों तटों पर काले पत्थरों की सुन्दर चट्टानें पाई जाती है।इन काले पत्थरों से होकर सहस्त्र जल धाराएँ प्रवाहित होती हैं जिसके कारण इस स्थान का नाम सहस्त्रधारा पड़ा है।

सहस्त्रधारा का इतिहास (History of Sahatradhara Mandla)

सहस्त्रधारा मंडला मध्य प्रदेश के इतिहास की बात की जाये तो ऐसी मान्यताएं हैं कि यहाँ पर सहस्त्रबाहू नामक राजा था जिसने रावण से इसी स्थल पर युद्ध  किया था।

इसके साथ यह भी माना जाता है इसी स्थान पर सहस्त्रबाहु ने नर्मदा नदी को अपने हाथों से रोकने का प्रयास किया था जिसमे वह असफल रहा और तभी से इस  स्थान पर नर्मदा नदी अनेकों धाराओं में बंट गयीं। इस स्थान पर सहस्त्रबाहू (सहस्त्रार्जुन )का एक प्राचीन मंदिर भी है।

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निष्कर्ष (Conclusion)

इस लेख के माध्यम से हमने आपको सहस्त्रधारा मंडला मध्य प्रदेश के बारे में प्राकृतिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार जानकारी प्रदान की है।यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रों के साथ जरुर शेयर करें।यदि आपके पास और अधिक जानकारी है तो कमेंट में जरुर बताएं।

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